एक पन्ना लिखा हुआ अपना ही आज अजब सा लगता है....!
बीते लम्हों की बातों पर ये मन मेरा ही हसता है.....!!
कुछ बातें पढ़ते-पढ़ते आँखों से नीर छलकता है....!
और कुछ किस्सों पर मन मेरा ये मुस्काता और मचलता है....!!
कल जो बीत गया है वो एक ख्वाब का हिस्सा लगता है....!
बदल गया है सब कुछ अब ना जाने क्यूँ ऐसा लगता है....!!
ना जाने दिमाग पर कितनी ही यादों की परतें हैं बिछी हुई....!
हर याद का अपना मतलब है हर याद है मुझसे जुडी हुई....!!
बीती यादों का हर लम्हा एक अक्स छोड़ कर जाता है....!
क्या होता था, क्यूँ होता था ये पन्ना याद दिलाता है....!!
एक पन्ना लिखा हुआ अपना ही......................!
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