मै खुद को थोड़ा सा लिखूं भी और लिखकर थोड़ा सा मिटा भी दूँ....!
कभी मै तेरे संग हस दूँ और कभी हसी को छुपा भी लूँ....!!
मै अक्सर उलझी बातें कह दूँ और फिर मतलब समझा भी दूँ....!
कभी मै पिछला याद करूँ और कभी आज को भुला भी दूँ....!!
मै पहली बारिश में भीगूँ भी और खुद को सूरज में सुखा भी लूँ....!
कभी मै सबसे खफा रहूँ और रूठों को पल में मना भी लूँ....!!
मै वक़्त को लफ़्ज़ों में ढालूं भी और लम्हों को रंगों से सजा भी दूँ....!
मै कभी हवा के साथ बहूँ और धरती को अम्बर से मिला भी दूँ....!!
मै दुनियां से बच कर भागूं भी और इसके लोगों से जुड़ा भी हूँ....!
कभी राह सीधी हो मेरी और मै हर मोड़ पे मुड़ा भी हूँ....!!
मै खुद को थोड़ा सा लिखूं भी और लिखकर ......................!
कभी मै तेरे संग हस दूँ और.......................................!!
sachhai hai mere dost ..... keep it up ...at last tune kuch btaya ti apne bare me ....
ReplyDeleteye thoda boring h...
ReplyDeletebut accha h..