Friday, October 8, 2010

वो...!!

है वो कुछ-कुछ मेरे ही जैसा, और थोड़ा मुझसे अलग भी है....!
कुछ बातों में साथ है मेरे, और कुछ में मुझसे जुदा भी है....!!

मेरे ही संग-संग चलता है, और मुझसे खफा-खफा भी है....!
कभी मेरे संग कर खिल कर हस्ता है, और मेरे अश्कों में साथ भी है....!!

मुझसे अक्सर मिलता है वो, और खुद में सिमटा-सिमटा भी है....!
ख़ुशी में मेरे संग रहता है, और ग़म में मुझसे लिपटा भी है....!!

मुझसे सारी बातें कहता है, और कभी बहुत चुप-चाप भी है....!
रहता है मुझमे मेरा बनकर, और गैरों में मेरे साथ भी है....!!

मुझसे थोड़ा अंजाना है वो, और गहरी पहचान भी है....!
कभी मेरे संग लड़ता है वो, और फिर खुद से नाराज भी है....!!

मुझसे कुछ-कुछ उलझा सा है वो, और बेहद आसान भी है....!
सब बातों का मतलब जानता है, और जानके फिर अंजान भी है....!!

है वो कुछ-कुछ मेरे ही जैसा........................................!
कुछ बातों में साथ है मेरे.............................................!!

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