Sunday, May 15, 2011

बाज़ार...!!


















                बाज़ार लगाऊंगा अपना कुछ खरीदार बुलवाऊंगा....!
एक-एक करके लोगों से मै बोली अपनी लगवाऊंगा....!!

देखें कितना भाव लगेगा कितना कौन लुटायेगा ....!
कौन खरीदेगा मुझको और कौन मुफत ले जायेगा....!!

कोई धन से तौलेगा कोई नज़रों से भाव लगायेगा....!
भांप जाएगा मन मेरा जो दिल भी संग ले जायेगा....!!

कीमत कोई देगा कितनी क्या-क्या अरमान जतायेगा....!
कैसे कोई अपने मन में मेरी जगह बनायेगा....!!

कितनी दूरी तक हाथ थाम कर कौन कहाँ ले जायेगा....!
कौन जिस्म को साथ रखेगा और रूह कौन ले जायेगा....!!

बाज़ार लगाऊंगा अपना...............................!
एक-एक करके लोगों से मै..........................!!

2 comments:

  1. हर चीज़ बिकती है ....आप भी लगाइए बाज़ार... मन की संवेदनाओं को कहती अच्छी रचना

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  2. शुभागमन...!
    आपके हिन्दी ब्लागिंग के अभियान को सफलतापूर्वक उन्नति की राह पर बनाये रखने में मददगार 'नजरिया' ब्लाग की पोस्ट नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव. और ऐसे ही अन्य ब्लागर्स उपयोगी लेखों के साथ ही अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्योपयोगी जानकारियों से परिपूर्ण 'स्वास्थ्य-सुख' ब्लाग की पोस्ट बेहतर स्वास्थ्य की संजीवनी- त्रिफला चूर्ण एक बार अवश्य देखें और यदि इन दोनों ब्लाग्स में प्रस्तुत जानकारियां अपने मित्रों व परिजनों सहित आपको अपने जीवन में स्वस्थ व उन्नति की राह में अग्रसर बनाये रखने में मददगार लगे तो भविष्य की उपयोगिता के लिये इन्हें फालो भी अवश्य करें । धन्यवाद के साथ शुभकामनाओं सहित...

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