Sunday, April 28, 2013

कैसे...!!















तेरी मायूसी को देख कर कुछ सवाल तो उठेंगे....!
हाँ ये लोग तुझसे मेरा हाल भी पूछेंगे....!!
मै तेरे पास नहीं हूँ तू बताएगा कैसे....!
अपने चेहरे का बदलता रंग छुपायेगा कैसे....!!
तेरी आँखों की नमी सारे हालात बयां कर देगी....!
इन आँखों को भी खामोश तू रख पायेगा कैसे....!!
बेवजह तंज कसेंगे तुझ पर ये दुनियाँ वाले....!
बेवजह हर कोई तुझपे महरबां होगा....!!
तू लोगों के सवालों से ना शिकवा करना....!
कोई पूछे मेरे हालात तो अनसुना करना....!!
कितना ग़म है तेरे भीतर तू बताना ही नहीं....!
अपने हालात से वाकिफ किसी को कराना ही नहीं....!!
कुछ वक़्त लगेगा तेरी उलझन ज़रूर कम होगी....!
हाँ इस रात की मंजिल एक नई सुबह होगी....!!
तेरी मायूसी को देख कर.....................!
हाँ ये लोग तुझसे मेरा.......................!!

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