चेहरे से कुछ ज़ाहिर ना करे, फिर भी कुछ छुपा नहीं पाती....!
और छोटी-छोटी बातों पर, आँखे तेरी हैं भर आती....!!
बचपन तुझमे है छुपा कहीं, और कभी अजब है इतराती....!
कभी-कभी कुछ लफ्जों को, है अलग ढंग से दोहराती....!!
अक्सर कुछ बातें पूरी करने से, पहले ही है, तू रूक जाती....!
कोई पूछे तो, नहीं है कुछ, कह कर है आगे बढ़ जाती....!!
कोई ग़म हो जब तुझमे छुपा हुआ, आवाज तेरी है भर आती....!
कोशिश करती है बहोत मगर, आँखों से बूंदे हैं गिर जाती....!!
कुछ मन की बातें कहने को, जब तुझको कोई नहीं मिलता....!
तू चुप रहती है हद से ज्यादा, और मन ही मन है घुट जाती....!!
तू लम्हों के संग जीती है, हसती है और है मुरझाती....!
तू खुली हवा है नीले अम्बर में, हर जगह रंग है भर जाती....!!
तू इठलाती नदी है बहती, जहाँ चाहती मुड़ जाती....!
तू जीती है ऐसे जैसे, पतंग डोर संग उड़ जाती....!!
तेरे चेहरे पर लिखा है जो, तू खुद समझ नहीं पाती....!
और अपनों की ही कुछ बातों पर, खुद से नाराज़ है हो जाती....!!
रूठी रहती है कुछ पल तक, और हसी कहीं है खो जाती....!
तुझको मनाये, जब हस कर कोई, तू भी है धीमे से हस जाती....!!
कुछ राज़ छुपा कर तू रखती है, नहीं किसी को बतलाती....!
खुद में इतनी उलझी है तू, सुलझ नहीं मुझसे पाती....!!
तू करती है इतनी सारी बातें, जो ख़त्म नहीं हैं हो पाती....!
कहने को तुझपे कितना कुछ है, दुनिया भी समझ नहीं पाती....!!
तू हसती है जब अश्कों के संग, कुछ अलग नज़र ही है आती....!
कहती है दुनियां को भला-बुरा, और फिर खामोश है हो जाती....!!
चंचल है तेरा मन इतना, तू बिन पंखों के उड़ जाती....!
और भोलापन इतना है तुझमे, मतलब को समझ नहीं पाती....!!
जिद करती है ऐसे जैसे, कोई चीज़ है प्यारी खो जाती....!
और कुछ बातों को सुन कर भी, तू अंसूना है कर जाती....!!
चेहरे से कुछ ज़ाहिर ना करे...........................
और छोटी-छोटी बातों पर............................
really vibhu its awesome
ReplyDeleteThanks for your appreciation....!!
Delete